तत्वों का आवर्त वर्गीकरण :-
अबतक कुल 118 तत्वों की जानकारी है|
तत्वों के वर्गीकरण का अर्थ है उनकों उनके गुणधर्मों के आधार पर अलग-अलग समूहों में व्यवस्थित ढंग से रखना|
सबसे पहले तत्वों को धातु एवं अधातु में वर्गीकृत किया गया|
डाबेराइनर के त्रिक :- डाबेराइनर ने तीन तत्वों का त्रिक बनाया जिन्हें परमाणु द्रव्यमान के आरोही क्रम में रखने पर बीच वाले तत्व का परमाणु द्रव्यमान, अन्य दो तत्वों के परमाणु द्रव्यमान का लगभग औसत होता है| इस नियम को डाबेराइनर का त्रिक का नियम कहते हैं
उदाहरण: (i) लिथियम (Li), सोडियम (Na) एवं पोटैशियम (K)|
(ii) कैल्शियम (Ca), स्ट्रांटियम (Sr) एवं बेरियम (Ba)|
(iii) क्लोरीन (Cl), ब्रोमिन (Br) एवं आयोडीन (I)|
डाबेराइनर उस समय तक केवल तीन ही त्रिक ज्ञात कर सके थे|
डाबेराइनर त्रिक की असफलता :- जिस आधार पर जे. डब्ल्यू डाबेराइनर ने त्रिक बनाए थे उस आधार पर वे तीन ही त्रिक का पता लगा पाए वे अन्य तत्वों के साथ कोई और त्रिक नहीं बता सके| इसलिए त्रिक में वर्गीकृत करने की यह पद्धति सफल नहीं रही|
न्यूलैंड्स का अष्टक सिद्धांत :- सन् 1866 में अंग्रेज़ वैज्ञानिक जान न्यूलैंड्स ने ज्ञात तत्वों को परमाणु द्रव्यमान के आरोही क्रम में व्यवस्थित किया। उन्होंने सबसे कम परमाणु द्रव्यमान वाले तत्व हाइड्रोजन से आरंभ किया तथा 56वें तत्व थोरियम पर इसे समाप्त किया। उन्होंने पाया कि प्रत्येक आठवें तत्व का गुणधर्म पहले तत्व के गुणधर्म के समान है। उन्होंने इसकी तुलना संगीत के अष्टक से की और इसलिए उन्होंने इसे अष्टक का सिद्धांत कहा। इसे ‘न्यूलैंड्स का अष्टक सिद्धांत के नाम से जाना जाता है।
इस सिद्धांत के अनुसार :- तत्वों को उनके परमाणु द्रव्यमान के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित करने पर प्रत्येक आठवें तत्व का गुणधर्म पहले तत्व के गुणधर्म के समान होता है। इस नियम को न्यूलैंड्स का अष्टक नियम कहा जाता है|
न्युलैंड्स का अष्टक नियम की क्या सीमाए :-
अष्टक का नियम का यह सिद्धांत केवल कैल्सियम तक ही लागु होता था ।
न्युलैंड ने सोचा 56 तत्वों के अलावा भविष्य में अन्य तत्व नहीं मिल सकेगा, लेकिन बाद में नए तत्व पाए गए और मिले तत्वों के गुणधर्म अष्टक सिद्धांत से नहीं मिलते थे।
न्युलैंड का अष्टक सिद्धांत केवल हल्के तत्वों के लिए ही ठीक प्रकार से लागू हो सका
आयरन को कोबाल्ट एवं निकैल से दूर रखा गया है जबकि उनके गुणधर्म में समानता है
मेंडेलिफ की आवर्त सारणी :- अपनी सारणी में तत्वों को उनके मूल गुणधर्म, परमाणु द्रव्यमान तथा रासायनिक गुणधर्मों में समानता के आधार पर व्यवस्थित किया।
जब मेन्डेलीफ ने अपना कार्य आरंभ किया तब तक 63 तत्व ज्ञात थे।
आवर्त :- एक ही आवर्त में जब हम आगे बढ़ते है तो देखते हैं कि:
तत्वों के संयोजकता इलेक्ट्रोनों की संख्या भिन्न-भिन्न है लेकिन कोशों की संख्या सामान है|
आवर्त में बाईं से दाईं ओर जाने पर यदि परमाणु-संख्या में इकाई की वृद्धि होती है तो संयोजकता इलेक्ट्राॅनों की संख्या में भी इकाई वृद्धि होती है।
प्रत्येक आवर्त दर्शाता है कि एक नया कोश इलेक्ट्रानों से भरा गया।
किसी कोश में इलेक्ट्रानों की अधिकतम संख्या एक सूत्र 2n2 पर निर्भर करती है जहाँ n, नाभिक से नियत कोश की संख्या को दर्शाता है।
दुसरे और तीसरे आवर्त में 8 ही तत्व होते हैं क्योंकि इन तत्वों का L और M कोष होता है जिनमें 8 से अधिक इलेक्ट्रोन नहीं हो सकते हैं|
आवर्त सारणी में तत्वों की स्थिति :- आवर्त सारणी में तत्वों की स्थिति से उनकी रासायनिक अभिक्रियाशीलता का पता चलता है। तत्व द्वारा निर्मित आबंध के प्रारूप तथा इसकी संख्या संयोजकता इलेक्ट्रानों द्वारा निर्धारित होती है।
संयोजकता :- किसी भी तत्व की संयोजकता उसके परमाणु के सबसे बाहरी कोश में उपस्थित संयोजकता इलेक्ट्रानों की संख्या से निर्धारित होती है।
आधुनिक आवर्त सारणी की प्रवृति :-
संयोजकता :- किसी तत्व के परमाणु के सबसे बाहरी कोशों में उपस्थित संयोजी इलेक्ट्रोनों की संख्या को संयोजकता कहते हैं|
परमाणु साइज़ :- एक स्वतंत्र परमाणु के केंद्र से उसके सबसे बाहरी कोश की दूरी ही परमाणु के साइज़ को दर्शाती है। परमाणु की साइज़ को मापने के लिए उसकी त्रिज्या को मापा जाता है|
परमाणु की त्रिज्या को पिकोमीटर pm में मापा जाता है|
1pm = 10-12 m होता है|
हाइड्रोजन परमाणु की त्रिज्या 37 पिकोमीटर होता है|
आधुनिक आवर्त सारणी के गुण :-
आवर्त में बाईं से दाईं ओर जाने पर परमाणु त्रिज्या घटती है। नाभिक में आवेश के बढ़ने से यह इलेक्ट्रॉनों को नाभिक की ओर खींचता है जिससे परमाणु का साइज़ घटता जाता है।
समूह में ऊपर से नीचे जाने पर परमाणु का साइज़ बढ़ता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि नीचे जाने पर एक नया कोश जुड़ जाता है। इससे नाभिक तथा सबसे बाहरी कोश के बीच की दूरी बढ़ जाती है और इस कारण नाभिक का आवेश बढ़ जाने के बाद भी परमाणु का साइज़ बढ़ जाता है।
आवर्त में जैसे-जैसे संयोजकता कोश के इलेक्ट्रॉनों पर किया जाने वाला प्रभावी नाभिकीय आवेश बढ़ता है, इलेक्ट्रॉन त्यागने की प्रवृत्ति घट जाती है।
समूह में नीचे की ओर, संयोजकता इलेक्ट्रॉन पर क्रिया करने वाला प्रभावी नाभिकीय आवेश घटता है क्योंकि सबसे बाहरी इलेक्ट्रॉन नाभिक से दूर होते हैं।
आवर्त में बाएं से दाएँ जाने पर धात्विक लक्षण घटता है और समूह में नीचे जाने पर धात्विक गुण बढ़ता है|
आवर्त में बाएं से दाएँ जाने पर इलेक्ट्रान त्यागने की प्रवृति घटती जाती है और इलेक्ट्रान ग्रहण करने की प्रवृति बढ़ती जाती है|
आवर्त सारणी में धातुओं, अधतुओं एवं उपधातुओं की स्थिति :-
धातुओं की स्थिति :- सोडियम (Na) एवं मैग्नेशियम (Mg) जैसी धातुएँ सारणी के बाईं ओर स्थित होती है| वैसे आधुनिक आवर्त सारणी में धातुओं की संख्या अधातुओं एवं उपधातुओं की तुलना में कहीं अधिक है|
धातुओं में आबंध बनाते समय इलेक्ट्रान त्यागने की प्रवृति होती है| अर्थात विद्युत धनात्मक होते हैं|
उपधातु :- वे तत्व जो धातुओं एवं अधातुओं दोनों के गुणधर्म को प्रदर्शित करते हैं, अर्द्धधातु या उपधातु कहलाते हैं|
आधुनिक आवर्त सारणी में एक टेढ़ी-मेढ़ी रेखा धातुओं को अधातुओं से अलग करती है|
उदाहरण : बोरोन (B), सिलिकॉन (Si), जर्मेनियम (Ge), आर्सेनिक (As), टेल्यूरियम (Te) और पॉलोनियम (Po).
अधातुओं की स्थिति :- विद्युतऋणाणात्मकता की प्रवृत्ति के अनुसार अधातुएँ आवर्त सारणी के दाहिनी ओर ऊपर की ओर स्थित होती हैं। अधातुओं के ऑक्साइड की प्रकृति अम्लीय होती है| इनमें इलेक्ट्रोन ग्रहण करने की क्षमता होती है|
NCERT SOLUTIONS
प्रश्न (पृष्ठ संख्या 91)
प्रश्न 1 क्या डॉबेराइनर के त्रिक, न्यूलैंड्स के अष्टक के स्तंभ में भी पाए जाते हैं? तुलना करके पता कीजिए।
उत्तर- हाँ, त्रिक न्यूलैंड्स के अष्टक के स्तंभ में भी मिलते है।
उदहारण- Li, Na व K
प्रश्न 2 डॉबेराइनर के वर्गीकरण की क्या सीमाएँ हैं?
उत्तर- डॉबेराइनर के वर्गीकरण की सीमाएं इस प्रकार हैं-
केवल कुछ ही तत्वों को त्रिकों के रूप में रखा जाता हैं।
सभी के बीच के तत्व का परमाणु द्रव्यमान अन्य दो तत्वों के परमाणु के औसत के बराबर नहीं था।
इसके अंतर्गत केवल तीन ही तत्वों का वर्ग बनाया गया।
प्रश्न 3 न्यूलैंड्स के अष्टक सिद्धात की क्या सीमाएँ हैं?
उत्तर- न्यूलैंड्स के अष्टक सिद्धांत की क्या सीमाएं इस प्रकार हैं-
यह पाया गया की केवल कैल्सियम तक ही लागू होता था तथा इसके बाद के आठवें तत्व का गुणधर्म पहले तत्व से नहीं मिलता है।
असमान गुणधर्मों वाले तत्वों को एक वर्ग में रखा गया।
न्यूलैंड्स ने कल्पना की कि प्रकृति में केवल 56 तत्व विधमान हैं तथा भविष्य में कोई अन्य तत्व नहीं मिलेगा। लेकिन, बाद में कई तत्व पाए गए जिनके गुणधर्म, अष्टक सिद्धांत से मेल नहीं खाते थे।
प्रश्न (पृष्ठ संख्या 94)
प्रश्न 1 मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी का उपयोग कर निम्नलिखित तत्वों वेफ ऑक्साइड के सूत्र का अनुमान कीजिए-
K, C, Al, Si, Ba
उत्तर- मेंडेलीफ की आवर्त सारणी के अनुसार विभिन्न तत्वों के ऑक्साइड के सूत्र इस प्रकार हैं-
K (प्रथम ग्रुप) के ऑक्साइड का सूत्र- K2O
C (चौथे ग्रुप) के ऑक्साइड का सूत्र- CO2
AI (तीसरे ग्रुप) के ऑक्साइड का सूत्र- Al2O3
Si (चौथे ग्रुप) के ऑक्साइड का सूत्र- SiO2
Ba (दूसरे ग्रुप) के ऑक्साइड का सूत्र- BaO
प्रश्न 2 गैलियम के अतिरिक्त, अब तक कौन-कौन से तत्वों का पता चला है जिसके लिए मेन्डेलीफ ने अपनी आवर्त सारणी में खाली स्थान छोड़ दिया था? दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर- स्कैंडियम व जर्मेनियम।
प्रश्न 3 मेन्डेलीफ ने अपनी आवर्त सारणी तैयार करने के लिए कौन सा मापदंड अपनाया?
उत्तर- मेंडेलीफ ने अपनी आवर्त सारणी तैयार करने जो मापदंड अपनाया, वह इस प्रकार है: मेंडलीफ ने अपनी सारणी में तत्वों को उनके गुणधर्मो, परमाणु द्रव्यमान तथा रासायनिक गुणधर्मो की समानता के आधार पर व्वस्थित किया है। उन्होंने तत्वों के परमाणु द्रव्यमान एवं उसके भौतिक तथा रासायनिक गुणधर्मो के बीच के संबंधों का अध्ययन किया है। इसमें यह भी देखा गया है कि समान रासायनिक गुणधर्मो वाले विभिन्न तत्व एक निश्चित अंतराल के बाद फिर आ जाते है। अतः इस प्रकार मेंडेलीफ ने आवर्त सारणी बनाई जिसका मुख्य सिद्धांत है तत्वों के गुणधर्मो एवं उनके परमाणु द्रव्यमान का आवर्त फलन होना।
प्रश्न 4 आपके अनुसार उत्कृष्ट गैसों को अलग समूह में क्यों रखा गया?
उत्तर- उत्कृष्ट गैसों अक्रियाशील होती है अत: अलग वर्ग में रखा गया।
प्रश्न (पृष्ठ संख्या 100)
प्रश्न 1 आधुनिक आवर्त सारणी द्वारा किस प्रकार से मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी की विविध विसंगतियों को दूर किया गया?
उत्तर- आधुनिक आवर्त सारणी के अनुसार तत्वों के गुणधर्म तथा उनके परमाणु क्रमांक का आवर्त फलन होते है। जिसने मेंडेलीफ की आवर्त सारणी के दोषों को दूर किया गया, जो इस प्रकार है-
आधुनिक आवर्त सारणी के अनुसार माना गया कि तत्वों के गुण उनकी परमाणु संख्या का आवर्त फलन होते है। इस प्रकार कोबाल्ट एवं निकेल जैसे तत्वों को उचित स्थान पर रखा गया जिनके गुण एक समान हैं।
इस आवर्त सारणी में समान गुणों वाले तत्वों को वर्गीकृत किया गया। इससे असंगत तत्वों के एक ही ग्रुप में पाए जाने की समस्या का समाधान हो गया।
नई आवर्त सारणी में समस्थानिकों को उचित स्थान देने की समस्या खत्म हो गई।
उत्कृष्ट गैसों को उनकी सक्रियता के आधार पर आधुनिक आवर्त सारणी में उचित स्थान दिया गया हैं।
प्रश्न 2 मैग्नीशियम की तरह रासायनिक अभिक्रियाशीलता दिखाने वाले दो तत्वों के नाम लिखिए? आपके चयन का क्या आधर है?
उत्तर- बैरीलियम (Be) तथा कैल्सियम (Ca) दोनों ही मैग्नीशियम की तरह अभिक्रियाशीलता दर्शाते है। दोनों के ही बाह्य किश में 2 संयोजी इलेक्ट्रॉन होते है। Be(2, 2) तथा Ca(2, 8, 8, 2)।
प्रश्न 3 के नाम बताइए-
तीन तत्वों जिनके सबसे बाहरी कोश में एक इलेक्ट्रॉन उपस्थित हो।
दो तत्वों जिनके सबसे बाहरी कोश में दो इलेक्ट्रॉन उपस्थित हों।
तीन तत्वों जिनका बाहरी कोश पूर्ण हो।
उत्तर-
लिथियम (Li), सोडियम (Na), पोटैशियम (K)।
मैग्नीशियम (Mg), कैल्सियम (Ca)।
निऑन (Ne), आर्गन (Ar), क्रिप्टोंन (Kr)।
प्रश्न 4
लीथियम, सोडियम, पोटैशियम, ये सभी धातुएँ जल से अभिक्रिया कर हाइड्रोजन गैस मुक्त करती हैं। क्या इन तत्वों के परमाणुओं में कोई समानता है?
हीलियम एक अक्रियाशील गैस है जबकि निऑन की अभिक्रियाशीलता अत्यंत कम है। इनके परमाणुओं में कोई समानता है?
उत्तर-
इन तत्वों के परमाणुओं में समानताएँ-
सभी एक परमाण्विक तत्व हैं।
सभी तत्वों के बाहरी कक्ष में एक इलेक्ट्रॉन होता है।
सभी धातु है।
सभी के ऑक्साइड एवं हाइडाइड का सत्र RO, और RH है।
हीलियम एक अक्रियाशील गैस है जबकि नियॉन की अभिक्रियाशीलता अत्यंत कम है। क्योंकि इन तत्वों के परमाणुओं में समानता है इनके बाहरी कक्ष पूर्णतः भरे हए है।
प्रश्न 5 आधुनिक आवर्त सारणी में पहले दस तत्वों में कौन सी धातुएँ हैं?
उत्तर- लिथियम एवं बेरीलियम धातुएँ है।
प्रश्न 6 आवर्त सारणी में इनके स्थान के आधार पर इनमें से किस तत्व में सबसे अधिक धात्विक अभिलक्षण की विशेषता है?
Ga, Ge, As, Se, Be
उत्तर- बेरिलियम। क्योकि, दिए गए तत्वों के बीच, Be आवर्त सारणी में, अत्यधिक बाएं हाथ की ओर है।
अभ्यास प्रश्न (पृष्ठ संख्या 101-102)
प्रश्न 1 आवर्त सारणी में बाईं से दाईं ओर जाने पर, प्रवृत्तियों के बारे में कौन सा कथन असत्य है?
तत्वों की धात्विक प्रकृति घटती है।
संयोजकता इलेक्ट्रॉनों की संख्या बढ़ जाती है।
परमाणु आसानी से इलेक्ट्रॉन का त्याग करते हैं।
इनके ऑक्साइड अधिक अम्लीय हो जाते हैं।
उत्तर-
परमाणु आसानी से इलेक्ट्रॉन का त्याग करते हैं।
प्रश्न 2 तत्व X, XCl2 सूत्र का वाला एक क्लोराइड बनाता है जो एक ठोस है तथा जिसका गलनांक अधिक है। आवर्त सारणी में यह तत्व संभवतः किस समूह के अंतर्गत होगा?
Mg
प्रश्न 3 किस तत्व में-
दो कोश हैं तथा दोनों इलेक्ट्रॉनों से पूरित हैं?
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 2 है?
कुछ तीन कोश हैं तथा संयोजकता कोश में चार इलेक्ट्रॉन हैं?
कुछ दो कोश हैं तथा संयोजकता कोश में तीन इलेक्ट्रॉन हैं?
दूसरे कोश में पहले कोश से दोगुने इलेक्ट्रॉन है?
उत्तर-
नियॉन (Ne) तत्व है, जिसमे दो कोश हैं तथा दोनों इलेक्ट्रॉनों से पूरित हैं।
मैग्नीशियम (Mg) तत्व का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 2 है।
सिलिकॉन (Si) तत्व है, जिसमे तीन कोश हैं तथा संयोजकता कोश में चार इलेक्ट्रॉन है।
बोरॉन (B) तत्व है, जिसमे दो कोश हैं तथा संयोजकता कोश में तीन इलेक्ट्रॉन हैं।
कार्बन (C) तत्व है, जिसमे दूसरे कोश में पहले कोश से दोगुने इलेक्ट्रॉन हैं।
प्रश्न 4 आवर्त सारणी में बोरान के स्तंभ के सभी तत्वों के कौन से गुणधर्म समान हैं?
उत्तर- सामान गुणधर्म -
सभी तत्व धातुएँ है।
ऊपर से नीचे जाने पर आकर एवं धात्विक गुण बढता जाता है।
सभी विघुत के सुचालक होते है।
सामान गुणधर्म-
सभी तत्व अधातुएँ है तथा संयोजकता 7 होती है।
सभी विघुत के कुचालक है।
प्रश्न 5 एक परमाणु का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 7 है।
इस तत्व की परमाणु-संख्या क्या है?
निम्न में किस तत्व के साथ इसकी रासायनिक समानता होगी? परमाणु-संख्या कोष्ठक में दी गई है।
N(7), F(9), P(15), Ar(18)
उत्तर-
इस तत्व की परमाणु संख्या = 2 + 8 + 7 = 17 है।
F(9) तत्व के साथ उपरोक्त परमाणु की रासायनिक समानता होगी। क्योंकि F(9) के बाह्य कक्ष में भी 7 इलेक्ट्रॉन हैं। तत्व का रासायनिक गुण उसकी संयोजकता (बाह्य कोष में उपस्थित इलेक्ट्रॉन) पर निर्भर करती है।
प्रश्न 6 आवर्त सारणी में तीन तत्व A, B तथा C की स्थिति निम्न प्रकार है-
अब बताइए कि-
A धातु है या अधातु।
B की अपेक्षा C अधिक अभिक्रियाशील है या कम?
C का साइज़ B से बड़ा होगा या छोटा?
तत्व A किस प्रकार आयन, धनायन या ऋणायन बनाएगा?
उत्तर-
A अधातु है।
C कम क्रियाशील है।
C का आकार B से छोटा है।
तत्व A ऋणायन बनायेगा।
प्रश्न 7 नाइट्रोजन (परमाणु-संख्या 7) तथा परमाणु-संख्या 15 के आवर्त सारणी के समूह 15 के तत्व हैं। इन दोनों तत्वों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास लिखिए। इनमें से कौन सा तत्व अधिक ऋण विद्युत होगा और क्यों?
उत्तर- नाइट्रोजन का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 5 है जबकि फॉस्फोरस का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2, 8, 5 है। नाइट्रोजन, फास्फोरस से अधिक ऋण विद्युत होगा क्योंकि हम जानते है कि एक ही समूह ऊपर से नीचे की ओर जाने में प्रभावी नाभिकीय आवेश घटता है तथा सबसे बाहरी इलेक्ट्रॉन नाभिक से दूर हो जाता है और इलेक्ट्रॉनों को ग्रहण करने की प्रवृति कम हो जाती है।
प्रश्न 8 तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास का आधुनिक आवर्त सारणी में तत्व की स्थिति से क्या संबंध है?
उत्तर- तत्वों का उनके इलेक्ट्रॉनिक विन्यास के अनुसार वर्गोंकरण किया गया है। किसी तत्व की बाह्यतम कोश में उपसिथत इलेक्ट्रॉन से उसकी संयोजकता पता चलती है तथा कोशों की कुल संख्या उसकी आवर्त संख्या होती है।
प्रश्न 9 आधुनिक आवर्त सारणी में कैल्सियम (परमाणु-संख्या 20) चारों ओर 12, 19, 21 तथा 38 परमाणु-संख्या वाले तत्व स्थित हैं। इनमें से किन तत्वों के भौतिक एवं रासायनिक गुणधर्म कैल्सियम के समान हैं?
उत्तर- आधुनिक आवर्त सारणी में कैल्सियम के चारों ओर 12, 19, 21 तथा 38 परमाणु संख्या वाले तत्व स्थित हैं। इनमे से सिर्फ परमाणु संख्या 19 तथा 21 वाले तत्वों के भौतिक गुण ही कैल्सियम के समान होंगे क्योंकि इनका द्रव्यमान कैल्शियम के द्रव्यमान के समतुल्य है और द्रव्यमान समान होने पर भौतिक गुण समान होते हैं। इनमे से सिर्फ परमाणु संख्या 12 तथा 38 वाले तत्वों के रासायनिक गुण ही कैल्सियम के समान होंगे क्योंकि ये कैल्सियम के समूह में हैं और कैल्शियम में उपस्थित संयोजकता इलैक्टॉनों की संख्या इन तत्वों के संयोजकता इलेक्ट्रॉन की संख्या के समान होगा।प्रश्न 10 आधुनिक आवर्त सारणी एवं मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी में तत्वों की व्यवस्था की तुलना कीजिए।
उत्तर- आधुनिक आवर्त सारणी-
यह परमाणु संख्या के अनुसार क्रमित है।
इसमें 18 वर्ग है।
इनमें अक्रिय गैसों को 18वें वर्ग में रखा गया है।
मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी-
यह परमाणु द्रव्यमान पर आधारित है।
इसमें 8 समूह है।
इनमें अक्रिय गैसों को कोई स्थान नहीं मिला है।