1. उपनिषद की संख्या कितनी है?
100
18
118
108
2. पुराणो की संख्या कितनी है?
100
18
118
108
3. "हिरण्मय" इस शब्द मे कौन सा प्रत्यय है?
मयट्
ईयसुन्
शतृ
शानच्
4. "अणीयान्" शब्द मे कौन सा प्रत्य लगा है?
मयट्
ईयसुन्
क्तवतु
क्त
5. ईशावास्य उपनिषद में कुल कितने श्लोक उपलब्ध है?
40
18
15
25
6. " हिरण्मयेन पात्रेण " इति शब्दे विभक्ति का?
तृतीया , एकवचन
चतुर्थी , एकवचन
पंचमी , एकवचन
सप्तमी , एकवचन
7. " महीयान् " शब्द मे कौन सा प्रत्य लगा है?
मयट्
ईयसुन्
शतृ
क्त
8. वाङ्मय शब्द का अर्थ है-
गद्य
पद्य
गद्य और पद्य का संयुक्त रुप
नाटक
9. पूषन् शब्द का अर्थ है-
सुर्य
चन्द्र
वरुण
इन्द्र
10. "तेन परमात्मना" इन विशेषण - विशेष्य शब्दों मे "तेन" क्या है?
संज्ञा
सार्वनामिक विशेषण
अव्यय
निपात
11. "सत्यमेव जयते" यह शब्द किस उपनिषद का वाक्य है?
ईशावास्य
कठ
मुण्डक
बृहदारण्यक